उज्जैन पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट से पकड़ा साइबर ठगी का गिरोह, 71 लाख की धोखाधड़ी का खुलासा
विशाल दुबे उज्जैन,
जिले के नानाखेड़ा थाना और साइबर सेल की संयुक्त कार्रवाई में पुलिस ने एक ऐसा गिरोह पकड़ा है जो डिजिटल धोखाधड़ी कर लोगों के खातों से लाखों रुपए निकाल रहा था। पुलिस ने साइबर क्राइम के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से तीन इंदौर के निवासी हैं और एक इंदौर के ही एक और आरोपी ने धोखाधड़ी के पैसों को उनके साथियों तक पहुंचाया।
पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा के नेतृत्व में साइबर सेल उज्जैन ने डिजिटल अरेस्ट की सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पीड़ित रामकृष्ण मिशन आश्रम नानाखेड़ा उज्जैन से सम्पर्क किया। पीड़ित ने 12 नवंबर 2024 को फोन पर एक महिला से धमकी भरी कॉल आने का मामला दर्ज कराया था। महिला ने खुद को सेडेक्स इंटरनेशनल कूरियर्स से बताया और कहा कि उनके नाम से ताइवान भेजा गया ड्रग्स पैकेट मुंबई लौट आया है। इस मुद्दे में सीबीआई की पूछताछ के चलते पुलिस कार्यवाही का डर दिखाकर पीड़ित से बैंक खातों में पैसे जमा करवाए गए। आरोपियों ने कुल 71 लाख रुपए की धोखाधड़ी की थी।
साइबर सेल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए यश बैंक में 23 लाख रुपये की होल्ड राशि को जब्त किया। पुलिस ने खातों की जांच की और पाया कि धोखाधड़ी की रकम को कई बैंकों में ट्रांसफर किया गया था, जिनमें से 9.79 लाख रुपये इंदौर के एक एसबीआई शाखा में ट्रांसफर हुए थे। पुलिस ने इसमें शामिल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें महेश फतेचंदानी (48), मयंक सेन (26), यश अग्रवाल (25), और सतवीर राजपुत (26) शामिल हैं।
गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वे साइबर ठगी से आए पैसे को एक बायनेन्स एप्लिकेशन पर यूएसडीटी करंसी में कन्वर्ट कर अन्य आरोपियों को भेजते थे। इसके बदले उन्हें कमीशन के रूप में 19,500 रुपये मिले थे। पुलिस ने अब तक विशाल पटोल और चेतन सिसोदिया नामक फरार आरोपियों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू कर दी है।पुलिस ने इस ऑपरेशन में उपयोगी जानकारी देने वाले टीम के सभी सदस्यों की सराहना की है, जिनमें निरीक्षक नरेंद्र कुमार यादव, उनि सुरेश कलेश, सउनि सुनिल गौड़ और साइबर सेल के अन्य सदस्य प्रमुख भूमिका में थे।
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