आयोग अध्यक्ष ने जनसुनवाई में अधिकारियों की गैर-मौजूदगी पर जताई नाराजगी
भोपाल। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया किशोर रहाटकर ने गुरुवार को भोपाल में महिलाओं से संबंधित मामलों की जनसुनवाई में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने आईजी और कमिश्नर की गैर-मौजूदगी पर नाराजगी जताई। उन्होंने भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह से कहा कि आमतौर पर किसी भी सुनवाई में आईजी और संभागायुक्त मौजूद रहते हैं, लेकिन यहां पहली बार ऐसा हुआ है कि दोनों अधिकारी अनुपस्थित रहे। इसके साथ ही कलेक्टर को भी प्रोटोकॉल के तहत बैठक छोड़कर अन्य मीटिंग में जाने की कोशिश करते देखा गया।
रहाटकर ने इस मौके पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को महिलाओं के मामलों में संवेदनशीलता बरतने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यदि किसी मामले में पुलिस के खिलाफ शिकायत है, तो उसकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए। इसके अलावा, यदि महिला शिकायत वापस लेने की स्थिति में हो या समझौता करने का निर्णय ले, तो भी पुलिस को मामले की निगरानी रखनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि महिला पर किसी प्रकार का दबाव न हो।
जनसुनवाई के दौरान रहाटकर ने अधिकारियों से यह भी कहा कि महिलाओं को न्याय मिलना चाहिए और किसी भी हाल में उनके अधिकारों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि आयोग ने प्रदेश के 30 गंभीर मामलों की सुनवाई करने के साथ-साथ भोपाल और आसपास के जिलों से आई 90 से 100 शिकायतों पर भी कार्यवाही की जाएगी।
रहाटकर के नेतृत्व में राष्ट्रीय महिला आयोग ‘आपके द्वार’ कार्यक्रम के तहत महिलाओं की समस्याओं को सुनने और उनका समाधान करने का कार्य कर रहा है। इसके तहत महिलाओं को उनकी समस्याओं को आयोग तक पहुंचाने का अवसर मिल रहा है। जनसुनवाई का उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।
विजया रहाटकर का संक्षिप्त परिचय
विजया किशोर रहाटकर इससे पहले महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष और औरंगाबाद की महापौर रह चुकी हैं। उन्हें महिला सशक्तिकरण में उनके योगदान के लिए राष्ट्रीय कानून पुरस्कार और सावित्री बाई फुले पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
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